🌟 कबीरधाम के सूरज और टीम ने रचा इतिहास: नेपाल में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया
📍 स्थान: पोखरा, नेपाल
🗓️ इवेंट: अंतर्राष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग एवं वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता
🌍 भाग लेने वाले देश: भारत, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार
✨ छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का पल
कबीरधाम जिले के चार होनहार खिलाड़ियों ने नेपाल की धरती पर भारत और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। पोखरा शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त भारतीय खेल संघ की प्रतियोगिता में 300 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिसमें भारत से चयनित खिलाड़ी भी शामिल थे।
🏆 स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी
🏋️♂️ सूरज राजपूत – इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल
सूरज राजपूत ने सात देशों के बॉडीबिल्डरों को पछाड़ते हुए “इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल” का खिताब जीता। वे पहले भी मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल बॉडीबिल्डिंग चैंपियन रह चुके हैं।
🔹 वर्तमान में वे भारत हेल्थ क्लब, कवर्धा में कोच हैं और लगभग 50 युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं।
👉 "छोटे शहर से अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना कठिन होता है, लेकिन अगर जुनून और मार्गदर्शन सही हो, तो मंजिल मिलती है।" - सूरज
🏋️♀️ दीपाली सोनी – कबीरधाम की पहली महिला वेटलिफ्टर स्वर्ण विजेता
दीपाली ने 76 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
🎤 "विदेश जाकर खेलना और तिरंगा लहराना सपना था, जो पूरा हुआ।"
दीपाली पहले भी कई राज्य और राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं।
🥇 अभिषेक तिवारी – सब-जूनियर 67 किग्रा वर्ग
कबीरधाम के युवा अभिषेक तिवारी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीता।
🗣️ "मेडल पहनते वक्त गुरुजी और माता-पिता की मेहनत याद आई।"
🥇 अनुराग जांगड़े – सब-जूनियर 109 किग्रा वर्ग
महज 14 साल की उम्र में अनुराग ने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता।
💬 "यह सब सूरज सर की मेहनत का नतीजा है।"
🙏 प्रशिक्षण का श्रेय सूरज राजपूत को
इन चारों खिलाड़ियों की सफलता के पीछे एक ही नाम है – सूरज राजपूत। वे कई वर्षों से युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं और उनके मार्गदर्शन में अब तक कई खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा चुके हैं।
सूरज ने अपनी टीम की उपलब्धि को राज्य सरकार को समर्पित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, और खेल मंत्री टंक राम वर्मा का आभार व्यक्त किया।
🌍 अगला लक्ष्य – दुबई!
सूरज राजपूत ने बताया कि अगली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता दुबई में आयोजित की जाएगी, और उसकी तैयारी अभी से कवर्धा में ही की जा रही है।
🎯 निष्कर्ष:
कबीरधाम के इन युवाओं की यह उपलब्धि सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की नई खेल संस्कृति का प्रतीक है। यह कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहर से बड़े सपने देखता है।
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